बिना ऑपरेशान कराये बिना आँखों का चश्मा कैसे उतारे आपको पास की चीज़ें धुंधली दिखने लगी हैं तो ये खबर आपके लिए है

 राहुल 23 साल के हैं. दिल्ली की रहने वाले  हैं.आर्मी जॉइन करना चाहते हैं. पर एक दिक्कत है. पर उनकी  एक है और वो है उनकी पास की नज़र काफ़ी कमज़ोर हो गई है. कुछ समय पहले उन्होंने जब दो चार डॉक्टर को दिखाया तब पता चला उन्हें हाइपरमेट्रोपिया है. यानी पास राखी चीज़ें उन्हें बहुत ज्यादा धुंधली दिखती हैं. जो चीज़ें दूर हैं, उन्हें वो थोड़ा साफ़ देख पाती हैं. साथ ही उनकी आंखें हर वक़्त थकी हुई रहती हैं. राहुल को डर है कमज़ोर आंखों की वजह से वो आर्मी जॉइन नहीं कर पाएंगे, वो चाहते हैं इसे छूट करा  कैसे पयजाये 





ये हमें बताया डॉक्टर नेहा जैन ने


क्या और क्यों होता है (Hypermetropia)हाइपरमेट्रोपिया?

लेकिन एक हाइपरमेट्रोपिया को समझने के लिए पहले आंख के स्ट्रक्चर को समझने की ज़रूरत है. जब आंखों पर लाइट पड़ती है, तब वो पुतली और लेंस से होते हुए परदे पर गिरती हैं. जिसकी वजह से हम साफ़ तरह से देख पाते हैं. लेकिन हाइपरमेट्रोपिया में ये लाइट रेज़ परदे के पीछे फ़ोकस होती हैं, जिसकी वजह से हमें पास की चीज़ें धुंधली दिखाई देती हैं.

जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी आई बॉल छोटी होती है जिसकी वजह से 2 से 3 डायोप्टर (नापने का पैमाना) का हाइपरमेट्रोपिया पाया जाता है. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसकी आईबॉल बड़ी होती हैं और हाइपरमेट्रोपिया ठीक हो जाता है. लेकिन अगर आई बॉल छोटी रह जाए, उसका कॉर्निया (आंखों के आगे का ट्रांसपेरेंट हिस्सा) या लेंस फ्लैट रह जाए तो हाइपरमेट्रोपिया कंडीशन बनी रह सकती है.



हाइपरमेट्रोपिया Hypermetropia के लक्षण क्या और हाइपरमेट्रोपिया कंडीशन हैं?

जिसमें आंखों में थकान

ज़्यादातर हाइपरमेट्रोपिया में पास का काम करने के बाद लक्षण ज़्यादा महसूस होते हैं

सिरदर्द रहना

अगर बच्चा छोटा होता है तो आंखों में भैंगापन भी हो सकता है

जलन होना

आंखों से पानी निकलना

गांठ बन जाना

बार-बार आंखें रगड़ने की वजह से आंखों का इन्फेक्शन हो जाना

इस भैंगेपन का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो आंखों की रोशनी हमेशा के लिए कम रह जाती है, जिसे अंग्रेज़ी में लेज़ी आई भी कहते हैं.

अब जान लेते है हायपरमेट्रोपिया (Hypermetropia  से बच कैसे सकते हैं?

हम आंखों के स्ट्रक्चर को बदल तो नहीं सकते, लेकिन अगर हम आंखों की सफ़ाई रखें तो हाइपरमेट्रोपिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

मोबाइल या लैपटॉप लिमिटेड समय के लिए चलाएं

अच्छी रोशनी में पढ़ाई करें

हर 10 मिनट के बाद 10 सेकंड का ब्रेक लीजिए, इसके बाद पलकों को झपकाएं

इसकी वजह से हमें पास का ज़्यादा धुंधला दिखाई देता है। 

अगर मोबाइल या लैपटॉप ज़्यादा समय के लिए चलाते हैं तो हमारी आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं

इससे आंखें भी रिलैक्स होंगी और आंखों में ड्राईनेस की समस्या भी कम हो जाएगी

हायपरमेट्रोपिया इलाज क्या है?

हाइपरमेट्रोपिया के इलाज के लिए आंखों में दवाई डलवाकर जो चश्मे का नंबर निकलता है, वो लगाना चाहिए

अगर नंबर 4 से ज़्यादा है तो फ़ेकिक इंट्राऑक्यूलर लेंसेज़ (Phakic Intraocular Lenses)यानी एक तरह के लेंस जो प्लास्टिक या सिलिकॉन से बने होते हैं, उन्हें आंखों में परमानेंटली लगाया जाता है. यानी चश्मा हटाया जा सकता है

जैसे लेसिक सर्जरी से 1 से 4 डायोप्टर (नापने का पयमाना) का हाइपरमेट्रोपिया ठीक किया जा सकता है

अगर मरीज़ की उम्र 18 साल से ज़्यादा है और चश्मे का नंबर एक साल से स्थिर है तो ऑपरेशन करके भी चश्मे का नंबर हटाया जा सकता है

उम्मीद है ये जानकारी निधि के ज़रूर काम आएगी. साथ ही उन लोगों के भी जिनकी पास की नज़र कमज़ोर हो रही है.


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